tag:blogger.com,1999:blog-1496071818736613491.post8428381023468864595..comments2023-09-06T03:33:21.690-07:00Comments on behtar duniya ki talaash: भूमंडलीय यथार्थ और साहित्यकार की प्रतिबद्धताramesh upadhyayhttp://www.blogger.com/profile/05054633574501788701noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-1496071818736613491.post-28845788411289382782012-04-08T10:48:14.164-07:002012-04-08T10:48:14.164-07:00Shandar.Shandar.pallavhttps://www.blogger.com/profile/03475995120391314299noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496071818736613491.post-26411573706654759072011-12-07T20:59:33.026-08:002011-12-07T20:59:33.026-08:00मैं दिनेश पारीक आज पहली बार आपके ब्लॉग पे आया हु ...मैं दिनेश पारीक आज पहली बार आपके ब्लॉग पे आया हु और आज ही मुझे अफ़सोस करना पद रहा है की मैं पहले क्यूँ नहीं आया पर शायद ये तो इश्वर की लीला है उसने तो समय सीमा निधारित की होगी <br />बात यहाँ मैं आपके ब्लॉग की कर रहा हु पर मेरे समझ से परे है की कहा तक इस का विमोचन कर सकू क्यूँ की इसके लिए तो मुझे बहुत दिनों तक लिखना पड़ेगा जो संभव नहीं है हा बार बार आपके ब्लॉग पे पतिकिर्या ही संभव है <br />अति सूंदर और उतने सुन्दर से अपने लिखा और सजाया है बस आपसे गुजारिश है की आप मेरे ब्लॉग पे भी आये और मेरे ब्लॉग के सदशय बने और अपने विचारो से अवगत करवाए <br />धन्यवाद <br />दिनेश पारीकDinesh pareekhttps://www.blogger.com/profile/00921803810659123076noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496071818736613491.post-69011455293874242862011-11-26T09:56:38.920-08:002011-11-26T09:56:38.920-08:00सर आपका यह लेख साहित्य और प्रतिबद्धता से जुड़े बेहद...सर आपका यह लेख साहित्य और प्रतिबद्धता से जुड़े बेहद प्रासंगिक सवाल उठाता है. न सिर्फ सवाल बल्कि उनके उत्तर भी. आपने साहित्यिक इतिहास के अनेक समयों के उदाहरणों से इस बात को सिद्ध किया है कि प्रतिबद्धता के बिना साहित्य के मूल प्रश्नों के विषय में बात करना कितना बेमानी है . मैं आपकी इस बात से भी इत्तेफाक रखता हूँ कि प्रतिबद्धता किसी एक राजनीतिक पार्टी के प्रति निष्ठा का नाम नहीं है.वास्तव में वर्तमान समय के सवाल और उनके ईमानदार जवाब और साथ ही मनुष्य की जिजिविषा में विश्वास ही प्रतिबद्धता को निर्मित करते हैं . मुझे लगता है कि आपका लेख साहित्य के जरिये सामाजिक जीवन को समझने का प्रयास करने वाले सभी लोगों को अवश्य पढ़ना चाहिए. आपको इस विचारोत्तेजक लेख के लिए बधाईRAKESHhttps://www.blogger.com/profile/07158306420043460561noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1496071818736613491.post-28729862291530545342011-11-26T03:17:39.463-08:002011-11-26T03:17:39.463-08:00behad gambheer aur sarthak lekh hai aapka.ye lekh ...behad gambheer aur sarthak lekh hai aapka.ye lekh pratibadhata aur lekhan ki vartman disha par apne vaicharik paksh se naye raste ki samajh deta hai.प्रज्ञाhttps://www.blogger.com/profile/03031155939204863000noreply@blogger.com